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Tuesday, April 9, 2019

Different Types of Virus

HELLO GUYS

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दोस्तों आज में आपको बताउगा कुछ अलग अलग वायरस के बारे मैं जो आपके बहुत काम आएंगे।  
चलिए पहले ये जान लेते है की वायरस है क्या। 


वायरस क्या है। 


वायरस का पूरा नाम VITAL INFORMATION RESOURCES UNDER SIEGE  है।  वायरस कंप्यूटर मैं छोटे छोटे प्रोग्राम होते है जो ऑटो एक्सेक्यूटे प्रोग्राम होते है जो कंप्यूटर मैं प्रवेश करके कंप्यूटर की वर्क प्रोग्रेस को EFFECT करते है उन्हें वायरस कहते है। 


कैसे पता करे की कंप्यूटर मैं वायरस अटैक हुआ है। 



  • जब कंप्यूटर धीमा हो : जब आपके कंप्यूटर की गति धीमी होने लगे जब भी आप कोईं फाइल ओपन क्र रहे हो और वह फाइल ओपन होने मैं सामान्य से ज्यादा टाइम लेने लगे तब आप समझिये की आपके कप्यूटर मैं वायरस अटैक हुआ है।  



  • कंप्यूटर का हैंग होना :जब आपका कंप्यूटर बार बार रुक रुक क्र चलने लगे  अचनाक से विंडो जाम हो जाये और कंप्यूटर की विंडो अपने आप काम करने लग जाये तो समझिये ये भी एक कारन है वायरस अटैक का। 



  • पॉप अप विंडो : इंटरनेट ब्राउज़र को चालू करते ही उसमे एक के बाद एक कई तरह की पॉप अप विंडो अपने आप ही ओपन होने लगती है।  ये भी वायरस का अटैक है।   


कंप्यूटर वायरस क्या कर सकता है।  


कंप्यूटर वायरस आपके कंप्यूटर का सारा का सारा डाटा कर्रप्ट या फिर डिलीट क्र सकता है। आपके हार्ड ड्राइव मैं सेव हुए डाटा को खतम क्र सकता है या फिर ये एक कंप्यूटर से अन्य कंप्यूटर या डिवाइस मैं भी जा सकता है। 

टाइप्स ऑफ़ कंप्यूटर वायरस 



BOOT SECTOR VIRUS-

इस प्रकार के वायरस मास्टर बूट रिकॉर्ड को इन्फेक्ट करते है और इन्हे निकल पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। 
और अक्सर इन्हे निकालने मैं सिस्टम को फॉर्मेट करना पड़ता है ये रिमूवेबल मीडिया के दवरा फैलते है

TROJAN-

एक हानिकारक कंप्यूटर प्रोग्राम होते है जो की हमारे सिस्टम को कण्ट्रोल क्र लेते है ट्रोजन वायरस की तरह अपनी कॉपी क्रिएट नहीं क्र सकता लेकिन ये वायरस को सिस्टम मैं इनस्टॉल क्र सकता है। 
ट्रोजन को लोग धोके से डाउनलोड क्र लेते है ये सोच क्र की ये एक सही फाइल होगी लेकिन ऐसा नहीं  होता है।  
EX :-जब इंटरनेट पर एक विंडो ओपन होती है की इस लिंक या फोटो को क्लिक करो या कोई गेम दिया होता है की इसको डाउनलोड करो और आप इनाम जित सकते है लेकिन वो एक ट्रोजन हो सकता है।  



Micro Virus-

माइक्रो वायरस विशेष रूप से  कुछ विशेष प्रकार की फाइल जैसे-documents , spreedsheet इत्यादि को नुकसान पहुंचने के लिए होते है।  ये वायरस केवल माइक्रो सॉफ्टवेयर (ms-office) की फाइलों को नुकशान पहुंचते है।  


Worms-


worms भी वायरस की तरह होते है। ये एक बार कंप्यूटर मैं आने के बाद अपने आप को मल्टीप्ल क्र लेते है और पुरे कंप्यूटर मैं अपनी  जगह बना लेते है ये एक बार कंप्यूटर मैं आने के बाद अपनी कॉपी बना लेता है।  जिसकी वजह से कंप्यूटर की स्पीड स्लो हो जातेी है।  यदि हम वायरस इनस्टॉल कंप्यूटर से कुछ फाइल दूसरे कंप्यूटर मैं शेयर अध्वा सेंड करते है तो ये वर्म्स उस में भी चले जाते है 

चलिए जानते है इनसे कैसे बचा जा सकता है।  

  • अपने कंप्यूटर मैं एक अच्छा सा Anti-Virus को इनस्टॉल करके रखे जिससे की आपको ये मदद मिलेगी की जब आपके कंप्यूटर मैं जब भी वायरस डिटेक्ट होगा तो ये आपको इन्फॉर्म क्र देगा फिर आप इसकी सहायता से अपने कंप्यूटर को स्कैन करके उसको रिमूव क्र सकते है। 
  • किसी भी unauthorized वेबसाइट से कुछ भी डाउनलोड अध्वा अपलोड न करे। 
  • जो ads को लालच देते है उनको ignore करे उन पर क्लिक न करे 
  • किसी भी ad पर क्लिक करने से पहले ये जांच ले की वह ad exist करता है की नहीं। 
  • जब भी आप अपने कंप्यूटर मैं कोई भी सेकेंडरी मेमोरी जैसे की floopy, हार्ड ड्राइव , पेन ड्राइव को प्लग करे तो उसको पहले स्कैन क्र ले। जससे यदि अगर उन मैं वायरस हो तो आप उसको एंटी वायरस की मदद से स्कैन क्र सके।  
Thank you friends......उम्मीद करता हू की मेरे द्वारा दी गयी जानकारी आपके काम आएगी।  अगर ये पोस्ट आपको पसंद आये तो हमारे ब्लॉग Minded Knowledge को Subscribe जरूर करे।  और आपकी राय Comment करके जरूर बताए।  



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